मुंबई (प्रतिनिधि) : महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर से पहले होने के संकेत मिल रहे हैं। महाराष्ट्र की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इससे पहले महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की अगुवाई में मुंबई पहुंची केंद्रीय निर्वाचन आयोग की टीम ने महाराष्ट्र के प्रमुख सियासी दलों के नेताओं से शुक्रवार को मुलाकात की। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने कार्य दिवस पर मतदान का सुझाव दिया, तो वहीं कांग्रेस ने ‘आवासीय सोसाइटी’ में मतदान केंद्र बनाने पर आपत्ति जताई।
निर्वाचन आयोग की टीम ने एक-एक करके सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मुनाफ हकीम और गजानन देसाई ने किया। जबकि बीजेपी के मुंबई प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक आशीष शेलार व मिहिर कोटेचा और आशीष शेलार ने भाजपा का प्रतिनिधित्व किया। बाद में मुनाफ हकीम ने कहा कि उनकी पार्टी ‘आवासीय सोसायटी’ में मतदान केंद्र स्थापित करने के फैसले का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यह भी मांग की है कि पुलिस थाने में लंबे समय से तैनात कांस्टेबलों और वरिष्ठ पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण किया जाए।
बीजेपी के सुझावों की सूची लंबी
बीजेपी की ओर से विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची में सुधार एवं अन्य सुझावों से संबंधित 14 मांगों वाला एक पत्र चुनाव आयोग के अधिकारियों को दिया गया। इस बारे में कोटेचा ने बताया कि भाजपा ने निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मांग की है कि किसी भी बूथ पर 1,000 से ज्यादा मतदाता नहीं होने चाहिए, जो आंकड़ा अभी 1,500 से 1,600 के बीच है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने सुझाव दिया है कि मतदान कार्य दिवस पर होना चाहिए और लंबे सप्ताहांत से बचा जाना चाहिए। भाजपा ने निर्वाचन आयोग से मांग की कि मतदान केंद्रों पर कोई देरी न हो और लंबी कतारें भी न लगे। कोटेचा ने बताया कि उनकी पार्टी ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहतर सुविधाएं मांगी हैं और यह सुझाव दिया कि मतदाताओं को बूथ में जाते ही जल्दी से मतदान करने का अवसर मिलना चाहिए।
अन्य पार्टियों ने भी दिया सुझाव
शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता व पूर्व मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि उनकी पार्टी ने मतदाताओं, खासकर वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा को प्राथमिकता दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संभव हो तो चुनाव कम चरणों में ही होने चाहिए। तो वहीं राकां (अजीत पवार) ,राकां शरदचंद्र पवार, आम आदमी पार्टी (आप) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव और मांगें रखीं।
रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव निष्पक्ष कराने के लिए विवादित और सत्ताधारी दलों की मदद करने वाले विवादित अधिकारियों को हटाने की मांग की। कांग्रेस ने दावा किया कि राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला का करियर संदिग्ध और विवादास्पद रहा है। उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को धमकाने, उनके फोन टैप करने जैसे काम किए हैं और उनके खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए रश्मि शुक्ला सहित विवादास्पद और मददगार अधिकारियों को हटाने की मांग की है।
लोकसभा की अव्यवस्था के लिए नाराजगी
इस दौरान निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान मुंबई शहर के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को हुई असुविधा पर ‘‘असंतोष” व्यक्त किया और शीर्ष अधिकारियों से आगामी विधानसभा चुनाव में बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा। राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ यहां एक समीक्षा बैठक में अधिकारियों को मतदान केंद्रों पर बेंच, पंखे, पीने के पानी और शेड सहित सभी न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। आयोग ने कहा कि वह मतदान के दिन मतदाताओं को असुविधा की किसी भी शिकायत पर सख्ती से कार्रवाई करेगा।
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