मुंबई : महाराष्ट्र में महानगर पालिकाओं, नगर परिषदों, नगर पंचायतों, जिला परिषदों और पंचायत समितियों के चुनाव लगभग 3 वर्षों रुके हुए हैं। मनपा चुनाव में आ रहे गतिरोध को दूर करने के संबंध में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने सकारात्मक संकेत दे दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन कारणों को वर्गीकृत करने का निर्देश दिया है जिनकी वजह से चुनाव रुके हुए हैं।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र विधानसभा में सत्ता काबिज करने के बाद अब बीजेपी राज्य की सभी महानगर पालिकाओं पर भगवा लहराने को तत्पर नजर आ रही है। बीजेपी में जोर-शोर से इसी संदर्भ में तैयारियों शुरू हो गई हैं। इससे ऐसा माना जा रहा है कि मुंबई एमएमआर सहित पूरे राज्य में मनपा चुनाव का बिगुल जल्द ही बज सकता है।
ठोस कारण नहीं मिला तो होंगे चुनाव
महाराष्ट्र में लंबे समय से रुके हुए मनपा चुनावों के संदर्भ में एक स्वयंसेवी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर राज्य में चुनाव में देरी की वजहें और स्थितियां अलग-अलग हैं। इसलिए वजहों के अलग से वर्गीकरण के दौरान कोई ठोस कारण नहीं मिलता है तो चुनाव कराने का आदेश दिया जा सकता है।
कोर्ट के इस सकारात्मक संकेत के बाद विधानसभा चुनाव में 230 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी नीत महायुति में उत्साह की लहर दौड़ गई है। मुंबई एमएमआर सहित राज्य की सभी मनपाओं पर भगवा लहराकर शिवसेना यूबीटी, कांग्रेस और राकां शरदचंद्र पवार की कमर तोड़ने के लिए खासकर बीजेपी तैयारियों में जुट गई है।
मुबंई, ठाणे है मुख्य लक्ष्य
मुंबई और ठाणे जिला हमेशा से शिवसेना और ठाकरे परिवार की सबसे बड़ी ताकत रहा है। शिवसेना और ठाकरे परिवार का लगभग 26 वर्षों मुंबई ठाणे की मनपा पर आधिपत्य देखने को मिला है। लेकिन अब 227 सीटों वाली मुंबई मनपा तथा 131 सीटों वाली ठाणे मनपा पर अपना कब्जा जमाने के लिए बीजेपी मंथन और समीक्षा बैठकें निरंतर चल रही हैं।
बैठकों में बीजेपी के नेता विधानसभा चुनाव की तर्ज पर रणनीति बना रहे हैं तथा बूथ प्रमुख, पन्ना प्रमुख व अन्य पदाधिकारियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं तथा उनसे सुझाव भी ले रहे हैं। साथ-साथ संभावित योग्य उम्मीदवारों के बारे में जानकारी भी जुटा रहे हैं।
2022 से टल रहे हैं चुनाव
2017 में ठाणे में शिवसेना का ही दबदबा देखने को मिला था। ठाणे की 131 सीटों में सी 67 पर शिवसेना को जीत मिली थी। हालांकि अब परिस्थितियां बदल गई हैं। शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मुंबई में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना के 10 विधायकों को जीत मिली है तो वहीं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के 6 विधायकों को जीत मिली है। ठाणे में शिवसेना (यूबीटी) का सूपड़ा साफ हो गया था।
बात मनपा की करें तो 2017 में मुंबई में जीत दर्ज करनेवाले 84 में से लगभग 60 नगरसेवक फिलहाल उद्धव का साथ छोड़ चुके हैं। इनमें से ज्यादातर शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए हैं। जबकि ठाणे के सभी नगरसेवक एकनाथ शिंदे के साथ जा चुके हैं। उस पर विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस के साथ साथ शिवसेना यूबीटी में भी एकला चलो की मांग जोर पकड़ रही है। ऐसे में मनपा में उद्धव की शिवसेना को बीजेपी नीत महायुति से कड़ी चुनौती मिल सकती है।
फरवरी में हो सकते हैं चुनाव
महाराष्ट्र में निकाय चुनाव आखिरी बार 2017 में हुए थे। 1984 से शिवसेना के साथ महायुति में शामिल होकर चुनाव लड़नेवाली बीजेपी ने 2017 का मनपा चुनाव अपने दम पर अलग लड़ा था। तब शिवसेना को 84 और बीजेपी के 82 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं कांग्रेस के 31, एनसीपी के 9, मनसे के 7, सपा के 6, एमआईएम के 2 नगरसेवक चुन कर आए थे। लेकिन विभिन्न तकनीकी कारणों से 2022 की पहली तिमाही में प्रस्तावित मनपा (निकाय) चुनाव 2024 के अंत तक भी नहीं हो सके।
अब विधानसभा चुनाव में मिली रिकॉर्ड जीत से उत्साहित बीजेपी जल्द से जल्द मनपा चुनाव कराने के मूड में है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से मिले संकेतों के बाद चुनाव आयोग फरवरी 2025 में मुंबई में मनपा चुनाव करा सकता है।
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